सद्यः परिस्थिति में हमें बहुधा सुनाई देनेवाले शब्द जैसे 'संस्थात्मक पृथक्करण' (Institutional quarantine) और ' होम आयसोलेशन'। इसमें से संस्थात्मक पृथक्करण से लगभग सभी परिचित है परंतु होम आयसोलेशन के बारे में बहुतों ने मुझे पूछा कि आखिर यह होम आयसोलेशन कैसे करना होता है? इसे कौन कर सकता है? कोरोनाग्रस्त रोगी होम आयसोलेशन के दौरान आयुर्वेदिक चिकित्सा ले सकता है क्या? यह सभी सवाल हमारे मन में भी आते हैं, तो आइए आज हम इसे समझ लेते है। इस हफ्ते, इसके आगे के भाग भी उपलब्ध होंगे। और विषय तो अच्छी तरह से समझने के लिए पहले 'आयसोलेशन' और 'पृथक्करण' इन दो संज्ञाओं के बीच का अंतर समझ लेते है।
*आयसोलेशन* - अर्थात संसर्गजन्य रोगग्रस्त रोगी को,स्वस्थ व्यक्ति से अलग रखकर, उस पर औषधोपचार करना।
*पृथक्करण* ( *Quarantine* ) -अर्थात संसर्गजन्य विषाणु या जीवाणु के संपर्क में आए व्यक्ति को अलग रखकर, यह देखना कि कहीं उसमें कोई लक्षण दिखाई देते है या नहीं यह देखना। क्वारंटीन यह आयसोलेशन का सौम्य प्रकार है। क्योंकि यहाँ पृथक्कृत व्यक्ति रोग से ग्रस्त हो यह जरूरी नहीं।
■ स्व पृथक्करण किसे करना चाहिए?
१. ऐसे व्यक्ति जिनका Report positive आया हो परंतु कोई लक्षण ना हो (Asymptomatic Positives )
२.सौम्य से मध्यम स्वरूप के लक्षण जिनमें दिखे ऐसे रोगी
३.कोरोनाग्रस्त रोगी के संपर्क में आए व्यक्ति (Contacts)
जैसे की,
● Covid 19 रोगी के साथ एक ही घर में रहनेवाले परिवारजन
● ऐसे व्यक्ति जो कोरोनाग्रस्त रोगी के संपर्क में आए हो तब PPE kit न इस्तेमाल किया हो/ PPE kit इस्तेमाल किया हो पर PPE kit खराब हुआ हो
● ऐसे व्यक्ति जो कोरोनाग्रस्त रोगी के १ मीटर से कम अंतर पर संपर्क में आए हो या जिन्हें कोरोनाग्रस्त रोगी के साथ एक बंद जगह, जैसे- विमान प्रवास, वाहन प्रवास या ऑफिस पर रहना पड़ा हो।
● मेरा वैसे यह मत है, जो मैं मेरे patients को भी पहले से कहती आ रही हूँ और अभी के समय में जो जरूरी भी है, कि अन्य कारणों से भी होनेवाले सर्दी- खाँसी- बुखार की हालत में अन्य परिवारजनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें। ऐसा करने से हमारे साथ रहनेवाले परिजनों, विशेषत: वृद्ध, संभाव्य परेशानियों से बच जाते है।
बहुधा बार ऐसा होता है कि RT-PCR टेस्ट का निष्कर्ष आने तक रोगी को पृथक न किया हो, तो ऐसे में परिवार के अन्य सदस्य भी प्रभावित हो सकते है।
४. सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि कोरोना इन्फेक्शन कोई लज्जास्पद बात नहीं जो आप इसे सबसे छिपाते फिरे। बल्कि शुरूआत से ही लक्षण दिखाई देने पर योग्य औषधि उपचार के साथ स्वयं को पृथक्कृत करें और पूर्ण विश्राम ले, जिससे जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी।
■ *स्व पृथक्करण कौन नहीं कर सकता* ?
● ऐसे रोगी जिनकी प्रतिकारशक्ति कम हो, उदा. जो कैन्सर के रोगी हो और उसकी चिकित्सा ले रहे हो
● या जिनकी अंग प्रत्यारोपण (ऑर्गन ट्रान्स प्लांट) की शस्त्रक्रिया हुई हो और संबंधित औषधियाँ ले रहे हो
● HIV का रोगी हो
क्योंकि उपर्युक्त सभी उदाहरणों में प्रतिकार शक्ति कम हो जाती है। ऑर्गन ट्रान्स प्लांट किए जाने पर शरीर द्वारा अस्वीकृत ना हो इसलिए रोगी की प्रतिकारशक्ति कम करने की दवाईयां दी जाती है। और इस दौरान कोई अन्य इन्फेक्शन हो जाए तो मुश्किल हो सकती है। इसलिए डॉक्टर की निगरानी में रहना उत्तम होता है।
● ६० वर्ष से अधिक आयु के ज्येष्ठ नागरिक, साथ ही उच्च रक्तचाप (High BP) , मधुमेह, हृदयविकार, फुफ्फुस-यकृत-वृक्क संबंधित विकार जिन्हें हो, मस्तिष्क संबंधित विकार जिन्हें हो(इन्हें को-मोर्बिड स्थिति कहते है) ऐसे व्यक्ति स्व पृथक्करण करने के पहले सभी नियम, स्व शरीर स्थिति अपने डॉक्टर से अच्छी तरह जाँच कराकर उनकी सहायता से ही स्व पृथक्करण करने का निर्णय ले।
■ *स्व पृथक्करण कितने दिन करें* ?
अपने डॉक्टर के निर्देश के अनुसार १४ से १७ दिनों तक स्व पृथक्करण करे क्योंकि किसी कोरोनाग्रस्त रोगी के संपर्क में आने पर साधारणत: १४ दिनों में लक्षण दिख सकते है। उसी प्रकार इन्स्टिट्यूटशनल आयसोलेशन में रुके व्यक्तियों में भी यदि १० दिनों तक लक्षणों में वृद्धि न हो और आखिर के ३ दिनों में बुखार भी न आया हो तो उन्हें छुट्टी मिल सकती है, केवल वह व्यक्ति घर में आगे के ७ दिन स्व पृथक्करणकर, खुद के लक्षणों का निरीक्षण करें।
सूचना: वैद्य की सलाह लेते समय, वह शिक्षित एवं पंजीकृत वैद्य है इसकी तसल्ली कर ले। अपनी राय देने व शंका निरसन करने हेतु आप मुझे मेरे वैयक्तिक नंबर पर अथवा ई-मेल पर संपर्क कर सकते है ।यह विषय के 3 भाग आज से हररोज प्रकाशित किये जाऐंगे। इसके आगे के लेख हर रविवार को सवेरे ब्लॉग पर उपलब्ध होंगे। यह लेख आपको वॉट्सऐप /ईमेल द्वारा प्राप्त करने हेतु नीचे दिए नंबर पर मेसेज करे अथवा हमारा फेसबुक पेज लाईक करें।
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लेखक,
डॉ. स्निग्धा चुरी-वर्तक.
9870690689
हिंदी अनुवाद-
अनुवादक : वैद्य प्रीति सिंह - म्हात्रे.
अथर्व आयुर्वेद,पनवेल.
प्रस्तुत लेख वैद्या स्निग्धा चुरी वर्तक ने ०६ अगस्त २०२० को अपने ब्लॉग
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